न जाने क्यूँ, कभी अचानक
आँखोंमें नमीसी आ जाती हैं …
पास होते हैं लोग फिर भी,
एक तनहाईसी लगती हैं …
खो जाता हैं मन
यादों की गहराइयोंमे,
और चाहता हैं कई चीज़ें,
जो उसे पता होता हैं
कभी नहीं मिलनेवाली …
शायद वही चाहते हलकेसे
आँखोंमैं चली आती हैं …
उन्हें पता होता हैं जैसे,
मन से बाहर निकलनेका
यही एक रास्ता हैं शायद …
न जाने क्यूँ, कभी अचानक
आँखोंमें नमीसी आ जाती हैं …